यदि संघर्ष की कोई सीमा नहीं होती
और परिणाम का कोई तय समय नहीं होता,
तो इस अवधि में मिलने वाली निराशा और कष्ट का
पारितोषिक ऐसा होना चाहिए,
जिसकी कल्पना मात्र से ही संघर्ष में आनंद आए,
और कष्ट मधुर लगने लगें।
यदि संघर्ष की कोई सीमा नहीं होती
और परिणाम का कोई तय समय नहीं होता,
तो इस अवधि में मिलने वाली निराशा और कष्ट का
पारितोषिक ऐसा होना चाहिए,
जिसकी कल्पना मात्र से ही संघर्ष में आनंद आए,
और कष्ट मधुर लगने लगें।
The Half Mask Writer