“नींद”
मैं अब नज़र ना आऊं तो मायूस ना होनामैं बिन ख़बर खो जाऊं तो मायूस ना होनाआँखें जगा के रक्खी थी मैंने अरसे सेमैं लंबी नींद सो जाऊं तो मायूस…
मैं अब नज़र ना आऊं तो मायूस ना होनामैं बिन ख़बर खो जाऊं तो मायूस ना होनाआँखें जगा के रक्खी थी मैंने अरसे सेमैं लंबी नींद सो जाऊं तो मायूस…
ख़ामोशियों में छुपी हुई आवाज ढूँढ़ता हूँमैं बीते हुए कल में अपना आज ढूँढ़ता हूँ
तुम दिनकर की किरणों सी जब भी मुझको छूती हो वह स्पर्श मेरी काया का रोम-रोम गरमाता है केश तुम्हारे संग प्रवात के मद्धम जब लहलाते हैं वह सुंदरता का…
“मुलाक़ात काम ही होती है नींदों से आजकल,मेरे ख़्वाब मुझे रातों में सोने नहीं देते। “
असीमित संभावनाओं के मध्यहम सदैव उस संभावना का चयन करते हैंजिसके पूर्ण होने मेंहमारा कोई स्वार्थ निहित होता है।
ख़्वाबों का बिस्तर छुपाने के लिए ज़िम्मेदारी की चादर को ओढ़ना पड़ा ना जाने कब इतने बड़े हो गए कि घर की ख़ातिर ही घर को छोड़ना पड़ा
तुम भीड़ में रहकर चलना चाहते होमैं ख़ुद में रहकर ख़ुशियाँ तराशता हूँ तुम शोर में जीने की वजह ढूंढ़ते होमैं ख़ामोशियों में एक दुनिया तलाशता हूँ तुम भीगने की…
यदि संघर्ष की कोई सीमा नहीं होती और परिणाम का कोई तय समय नहीं होता, तो इस अवधि में मिलने वाली निराशा और कष्ट का पारितोषिक ऐसा होना चाहिए, जिसकी…
प्रश्न है विचलित मन के भीतर उत्तर का निशान नहींव्याकुल मन की शंकाओं का कोई भी समाधान नहीं
पिछड़ता जा रहा है हर समय तू, दौड़ में फिर भी भागना पड़ेगा। मत सोच बेकार गई अनगिनत रातें, स्वप्न ना आये जबतक, तबतक जागना पड़ेगा।। अँधेरा है तो जुगनुओं…