November 2023

“तुम दिनकर की किरणों सी”

तुम दिनकर की किरणों सी जब भी मुझको छूती हो वह स्पर्श मेरी काया का रोम-रोम गरमाता है केश तुम्हारे संग प्रवात के मद्धम जब लहलाते हैं वह सुंदरता का…

“मैं ख़ामोशियों में एक दुनिया तलाशता हूँ”

तुम भीड़ में रहकर चलना चाहते होमैं ख़ुद में रहकर ख़ुशियाँ तराशता हूँ तुम शोर में जीने की वजह ढूंढ़ते होमैं ख़ामोशियों में एक दुनिया तलाशता हूँ तुम भीगने की…

“गिरा मत शस्त्र, उठ और रण कर”

पिछड़ता जा रहा है हर समय तू, दौड़ में फिर भी भागना पड़ेगा। मत सोच बेकार गई अनगिनत रातें, स्वप्न ना आये जबतक, तबतक जागना पड़ेगा।। अँधेरा है तो जुगनुओं…