“इश्क़ के फ़साने”
सर्द शबों का ये मौसम ऊपर से दर्द पुराने कुछचुभते हैं हवा को साथ लिए इश्क़ के फ़साने कुछइक करवट पे चेहरा उसका दूजी पे यादों का डेरापलकों से रोज़…
सर्द शबों का ये मौसम ऊपर से दर्द पुराने कुछचुभते हैं हवा को साथ लिए इश्क़ के फ़साने कुछइक करवट पे चेहरा उसका दूजी पे यादों का डेरापलकों से रोज़…
जब रात लगा रही होगी ख़ामोशी के पर्देऔर चाँद रौशनी से तेरा बिस्तर सजा रहा होगा जब तारों की टिमटिमाहट सी झपकेंगी पलकेंऔर हवा का झोंका तेरी ज़ुल्फ़ सहला रहा…
कुछ धर्म निभाने हैं मुझको संयम से प्रतीक्षा करना तुमअंकित कर हृदय में चित्र मेरा हर विरह भाव से लड़ना तुममैं बन नहीं सकता राम कभी यह भलीभांति है ज्ञात…
एक सफ़र जिसमें तुम्हारी बगल वाली सीट में कोई परिचित ना बैठा हो, अक्सर कई हमसफ़र दे जाता है।हमसफ़र जो दिखते तो नहीं मगर महसूस भरपूर होते हैं और जब…
अक्सर शहर और गाँव की वार्ता के मध्य एक कस्बे को ठीक उसी प्रकार अनदेखा कर दिया जिस प्रकार गरीबी और अमीरी की बहस के मध्य एक मध्यम वर्ग को।एक…