“तुम, मैं और लता!”
तुम्हें याद है ना?वो रात जब तुम्हारे घर की छत परदीवारें फांदे चोरी-छिपे आया था मैंऔर तुमने थर्मस में बचा के रखी थीअदरक वाली चाय।तुम्हें सुनने थे ना लता के…
तुम्हें याद है ना?वो रात जब तुम्हारे घर की छत परदीवारें फांदे चोरी-छिपे आया था मैंऔर तुमने थर्मस में बचा के रखी थीअदरक वाली चाय।तुम्हें सुनने थे ना लता के…