May 2024

“तुम”

तुम,फलक के उस चांद की तरह होजो मेरी ज़मीं से बहुत दूर रहता हैजिसे मैं देख सकता हूँमहसूस कर सकता हूँमगर छू नहीं सकतापा नहीं सकता तुम,पहाड़ों में ढलती उस…

“अलविदा”

मैं एक दिन कह दूंगा अलविदाज़माने को, कहानी कोऔर लपेटकर ख़ुद पर गुमनामी की चादरसो जाऊंगा सुकून के बिस्तर मेंजहां ख़ामोश सी इक नींद होगीपलकों पर एक ख़्वाब होगाउस ख़्वाब…