ख़्वाबों का बिस्तर छुपाने के लिए
ज़िम्मेदारी की चादर को ओढ़ना पड़ा
ना जाने कब इतने बड़े हो गए
कि घर की ख़ातिर ही घर को छोड़ना पड़ा
ख़्वाबों का बिस्तर छुपाने के लिए
ज़िम्मेदारी की चादर को ओढ़ना पड़ा
ना जाने कब इतने बड़े हो गए
कि घर की ख़ातिर ही घर को छोड़ना पड़ा
The Half Mask Writer